एनआईबी देश का पहला संस्थान है जिसने 04 अप्रैल 2020 से पूर्णतः स्वचालित, उच्च प्रवाह क्षमता प्रणाली वाले मैसर्स रोश कोबास® 6800 प्रणाली पर कोविड-19 के संदिग्ध क्लीनिकल नमूनों का परीक्षण प्रारम्भ किया है। कोबास® प्रणाली पर कोबास® एसएआरएस-सीओवी-2 नैदानिक किट का प्रयोग होता है जो वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) में एकत्रित नासोफारिगील/ओरोफिरिगील नमूनों में एसएआरएस -सीओवी-2 से न्यूक्लिक एसिडों के गुणात्मक पहचान हेतु अभिप्रेत वास्तविक काल आरटी-पीसीआर दो लक्षित परीक्षण होते हैं। कोबास® एसएआरएस-सीओवी-2 परीक्षण पूर्णतः स्वचालित न्यूक्लिक एसिड निष्कर्षण एवं शुद्विकरण एवं तत्पश्चात् पीसीआर विस्तारण एवं पहचान पर आधारित है। कोबास® 6800 प्रणाली में नमूना आपूर्ति मॉड्यूल, अंतरण मॉड्यूल, प्रोसेसिंग मॉड्यूल समाहित है।
एनआईबी को कोविड-19 के संदिग्ध नमूने दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश (अलीगढ़, बुलन्दशहर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुरादनगर, मुजफ्फरनगर, एवं सहारनपुर), मध्य प्रदेश ( भोपाल एवं इंदौर) राजस्थान (जोधपुर) एवं लददाख के विभिन्न जिलों में स्थित अनेक एकांतवास शिविरों/अस्पतालों से प्राप्त हुए हैं। कोविड-19 प्रयोगशाला के सुचारू रूप से कार्यशील रहने हेतु, नमूने प्राप्ति का निश्चित स्थल नमूने लोगिंग स्थल, डाटा इंट्री आपरेटर कमरा, नमूने सॉर्टिंग स्थल एवं लेबल सेकेण्डरी ट्यूबों हेतु बार-कोडिंग स्थल इत्यादि को स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, नमूनों के भड़ारण हेतु 2-8° सेटीग्रेट पर वॉक -इन शीत-ग्रह निर्धारित किया गया है। समुचित शुद्धिकरण एवं अवशेष निपटान एसओपी को प्रयुक्त किया गया। इन स्थलों में प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया और कोविड प्रयोगशाला को सीसीटीवी की निगरानी रखा गया है।
एनआईबी, सदैव कोविड-19 का मुकाबला करने में हमारे राष्ट्र के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है और अपने देशवासियों की स्वास्थ्य सेवा में निरन्तर प्रतिबद्ध है।