चिकित्सीय एंटीबॉडी प्रयोगशाला
परिचय
सीडीएससीओ, इसके आंचलिक/उप-आंचलिक कार्यालयों, राज्य दवा नियामक प्राधिकरण या सीधे निर्माताओं से प्राप्त चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण करने हेतु मार्च, 2012 में चिकित्सीय एंटीबॉडी प्रयोगशाला की स्थापना की गई थी। चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (एमएबीएस) का परीक्षण उनके भौतिक रासायनिक मापदंडों के साथ-साथ उनकी इन-विट्रो जैविक गतिविधियों के लिए किया जाता है। चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के साथ-साथ आंतरिक प्रयोगशाला जैविक नमूनों की गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण करने एवं चिकित्सीय जीवविज्ञान की जैविक गतिविधि का मूल्यांकन करने हेतु , जून 2018 में बायोएसे की केंद्रीकृत सुविधा (सीएफबी) की स्थापना की गई है। प्रयोगशाला में विभिन्न प्रकार के चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, एंटीबॉडी खंड अथवा संलयन प्रोटीन के परीक्षण हेतु आधारभूत संरचना और विशेषज्ञता प्राप्त है।.सूचनाएं
सीडीएल अधिसूचना हेतु प्रयोगशाला आरंभ हो गई है और सीडीएससीओ द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है।प्रत्यायन
प्रयोगशाला में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली स्थापित है जो एनएबीएल से प्रमाणपत्र संख्या टीसी-7725 के तहत रासायनिक जैविक परीक्षणों के लिए आईएसओ/आईईसी 17025:2017 मानक के अनुसार रक्त समूह अभिकर्मकों और जेल कार्ड के परीक्षण के लिए मान्यता प्राप्त है।.
बैच रिलीज परीक्षण
प्रयोगशाला में राष्ट्रीय जैविक मानक एवं नियंत्रण संस्थान (एनआईबीएससी), यूके, यूरोपियन डायरेक्टरेट फॉर द क्वालिटी ऑफ मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर (ईडीक्यूएम), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी (एनआईएसटी) और चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी/एंटीबॉडी टुकड़े/संलयन प्रोटीन के विभिन्न गुणवत्ता के नियंत्रण विवरण के लिए फार्माकोपियल सिस्टम उपयुक्तता मानकों से प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ मानक हैं। भारतीय फार्माकोपिया / अन्य किसी भी फार्माकोपिया (यदि भारत फार्माकोपियल मोनोग्राफ उपलब्ध नहीं है) के अनुसार अथवा गैर-फार्माकोपियल उत्पादों के मामले में निर्माता के आंतरिक विनिर्देशों के अनुसार बैच रिलीज हेतु परीक्षण किए जाते हैं।.मोनोग्राफ
यह प्रयोगशाला भारतीय फार्माकोपिया आयोग के सहयोग से भारतीय फार्माकोपिया में शामिल किए जाने वाले मोनोग्राफ तैयार करने में सक्रिय रूप से शामिल है।प्रशिक्षण
राष्ट्रीय जैविक संस्थान, नोएडा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कौशल विकास एवं जैविक गुणवत्ता नियंत्रण पर व्यवहारिक प्रशिक्षण के तहत विभिन्न स्नातकोत्तर / पूर्वस्नातक छात्रों को प्रयोगशाला द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।.